इबलीस ने वहाबीयों तबलीगियों से सवालकियासवाल किया मैँ 800000 सालतक फरिश्तो के साथ रहा 400000 साल तक जन्नत काखजान्ची रहा 200000 साल तक फरिश्तो का वाअजकरता रहा 300000 साल तक मुकर्रबीन का सरदार रहा140000 साल तक अर्श का तवाफ करता रहा1..पहलेआसमान पर मेरा नाम आबिद था दूसरे आसमान पर मेरानाम जाहिद था तीसरे आसमान पर मेरा नाम बेलालथा चौथे आसमान पर मेरा नाम वालि था पाँचवेआसमान पर मेरा नाम तका था छठेँ आसमान पर मेरानाम कहाजान था सातवेँ आसमान पर मेरा अजाजीलथा और लूहेमहफूज पर इबलीस2..अब इंसाफ से बता भाई मैँभी तौहीदी था और तू भी तौहीदी है3..मैँ भी नमाजेँबहुत पढता था और तू भी बहुत पढता है4..मैँ भी अल्लाह केसिवा किसी और कि ताजीम नही करता था तू भीनही करता है5..मैँने भी अम्बिया कीराम कि तौहीन कीऔर तूने भी की6..मैँने भी तो रसूल ल्लालह कि अजमत कोनही माना और तू ने भी नही माना7..मैँने भी रसूलल्लालह को आम बशर कहा मुझे भी मोहम्मदसल्लललाहो अलैहे वसल्लम कि वलादत पर बहुत दुख हुआईद मिलादुन्नबी पर तू भी तो खुश नही हैमिलाद सेनफरत है8..जिस खाने पर सूरह फातेहा पढ दिया जाये मैँउसे नही खाता और तू भी तो नही खाता है9..मैँ भीअम्बिया का गुश्ताख था तू भी तो हैफिर इंसाफ सेबता मैँ हो गया शैतान और तू कैसे हो गयामुस्लमान?
Friday, November 13, 2015
जंगल में एक शख़्स
जंगल मे एक शख्स के पिछे एक
शेर लग जाता है
वो जान बचाने के लिए एक कुंए
मे लगी रस्सी पकड कर लटक
जाता है
और जब निचे देखता है तो कुंए
की गहराई मे एक अस्हदा (सांप)
बैठा होता है.
इतने मे दो चुंहे
(काले और सफेद रंग के)
उस रस्सी को कतरने लग जाते है
अचानक उसे कुंए मे शहद का छत्ता
नजर आता है और वो शहद को उंगली से
ज़बान पर लगाता है
शहद की मिठास उसे उपर
मौजुद शेर, निचे बैठा अस्हदा
और दो चुहे भुला देती है.
वो भुल जाता है के आखिर उसे
निचे ही गिरना है.
"इमाम गझाली" केहते है इस मिसाल में
शेर 'मौत' है जो हर वक्त तुम्हारे
पिछे है
अस्हदा (सांप) 'कबर' है जिसमे तुम्हे
हर हाल मे जाना है
दो चुहे 'दिन' और 'रात' है जो
तुम्हारी जिंदगी की (रस्सी) को
आहिस्ता आहिस्ता कतर रहे है
और
वो शहद 'दुनिया' है जिसको थोडा सा
चख़ा तो तुम्हे मौत, कबर, वक्त
और आख़िरत सब भुला देता है
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पोस्ट की गहराई को समझो,
मौत से पहले , मौत की तय्यारी
करलो....
एक मगरूर शख़्स
एक आरिफ ने एक मगरूर शख़्स को घोड़े पर
सवार
देख कर ताजुब से पूछा, “भाई इतना क्यों
अकड़ते हो.?
उसने कहा मै !बादशाह का ख़ास आदमी हूँI
वो सोता है,तो पहरा देता हूँ..
उसे भूख लगती है,तो खाना मै खिलाता हूँ...
प्यास लगती है तो,पानी पिलाता हूँ...
और मुझे प्यार से दिन में तीन बार देखता है...
आरिफ ने पूछा;और अगर तुमसे किसी बात पर
खता हो जाये,
तो क्या होता है___??
वो बोला..कोड़े लगते है और मारा जाता हूँ...
आरिफ ने फ़रमाया...अगर ये बात है तो मुझे
तुमसे ज्यादा नाज़ ए फक्र होना चाहिए
क्योंकि मै जिस
बादशाह का ग़ुलाम हूँ,वो मुझे खुद खिलाता-
पिलाता है.!
सो जाऊ तो मेरी हिफाज़त करता है और
तन्हाई में
हमदम बन जाता है..!मुझसे कोई गफलत या
खता हो जाये तो माफ़ भी कर देता है और हर
रोज़ दिन में 360
मर्तबा नज़र ए रहमतसे मुझे देखता है ..!!
वो बादशाह का गुलाम इस बात से
मुतास्सिर हुआ और
घोड़े से उतर पड़ा ...!
कहा कि मुझे भी उस बादशाह का गुलाम बना
दीजिये..!
सबक -जो ईनाम व इकराम अल्लाह ने अपने
बन्दे
पर किया है...!
वैसा ईनाम व इकराम कोई बड़े से बड़े
बादशाह भी
नहीं कर सकता..!