async='async' crossorigin='anonymous' src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-6267723828905762'/> MASLAK E ALAHAZRAT ZINDABAAD: इलाही ये तेरे अलीम बन्दे कहाँ जाये
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Sunday, November 15, 2015

मिल्लत की फ़िकर


मिल्लत की फ़िकर
एक सच्ची हकीकत

इलाही तेरे ये अलीम बंन्दे कहां जाएं

आज अलीम वो मलामती फिरका बन चूका है जो कुछ अच्छा करे तो भी उस की जडों मे बूराई तलाश की जाती है ।💯

🏿दूनिया की सभी पाबंदीयां अलीम ही के लिये बनाई गई हैं ।

🏿अरे.... तूमने आज शाम मोलवी को चूडीयों की दूकान पे नहीं देखा?
लगता है बेगम के लिये चूडीयाँ खरीदने के लिए आया होगा ।
बहुत रंगीन मिजा़ज है अपने मोलवी का भी ।।

🏿अलीम ने आज अपने बेटे के लिये खिलौना खरीदा ..
मोलवी हो कर खिलौने खरीदता है??

🏿मोलवी आज बगीचे (गार्डन)मे चहल कदमी कर रहा था ।
ऐसे हीकर टहल रहा होगा भाई
मोलवी ओर टहल रहा होगा ??
नहीं नहीं कूछ ओर चक्कर है ।

🏿अलीम कल बैंक में गया था लगता है मोलवी का बेंन्क एकाउन्ट भी है।

🏿अलीम का बच्चा मदरसा मे पढे तो कहते हैं .. मोलवी का बच्चा मोलवी ही बनेगा, ओर किसी अंग्रेजी स्कूल मे पढ़ाऐ तो..
मोलवी अपने बच्चे को अंग्रेज बना रहा है ।

🏿हुकुमत के हक में बोले तो दरबारी मौलवी और
खिलाफी हक़ में बोले तो
फसाधी मौलवी ।

🏿अलीम सीयासत में आए तो कहते हैं
इन का काम मस्जीद ओर मदरसा मे है एसंम्बली मे नही।
और अगर सीयासत में हीस्सा ना ले तो भी, मोलवी ने इस्लाम को मस्जीद मे कैद कर रखा है ।
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आखीर क्या गुनाह किया है दोस्तों इन आलिमों  ने
?????????????????????????

🏿मैं समझता हूं की अगर खुदकुशी मे कोई गूनाह ना होता तो सब से पहले ओर सब से ज्यादा उलमा ए कीराम ही खुदखुशी करते क्योंकि मस्जीद की कमिटी वाले और मदरसा के नाजींम ना तो अलीम को जीने देते हैं ओर ना ही मरने देते हैं।

🏿हिन्दुस्तान की तारीख में आजादी से आज तक कोइ अलीम मुल्क का सदर या वजीरे आजम नहीं बना
मुल्क के सब फैसले उन मुंछो वालों ने कीये हैं।
और उन्होने ही मुल्क के टूकडे टूकडे किए हैं।
फिर भी इल्जा़म ये की मोलवी ने मुल्क को तबाह कर दीया है

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# गाने वाले का एक रात का 20,000 रुपया ।

# नाचने वाली औरत का एक रात का 30,000 रुपया ।

# ढोल बजाने वाले को एक रात का 10,000 देते हैं ।

# कोइ भी पेशावर कारीगर एक दिन का 400 से 500 लेगा
बल्के बिल्कुल जाहील मजदुर
अगर सूब्ह 8:00 बजे काम पे जाए ओर शाम को 5:00 बजे वापस आजाए तो वो भी कम से कम तीन सो ले कर आएगा ।

मगर !!!

🏿एक अलीम जो 24 घंटे ड्यूटी देता है हमारे बच्चों को इल्मे दीन सीखाता है।
पांच वक्त अजान देता ओर नमाज पडाता है।
मस्जीद की हीफाजत करता है ।
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मैं एक शादी में मौजूद था कम से कम 5 या 6 लाख खर्च किये होंगे घर वाले लेकिन जब मिलाद शरीफ खत्म हुआ तो घर का एक लड़का कह रहा था की हज़रत को 500 देदेते हैं उसके घर वाले बोले  पैसा नहीं 200 देदो

और अपने घर को छोड कर खुदा के घर की फीक्र करता है।

👉🏿और भी हमारे बहुत सारे दीनी काम को अंन्जाम देता है ।

इन कामो के बदले हम उनको क्या देते हैं
?????????????????????????

ज्यादा से ज्यादा 5 या 6 हजार महीना ।
बहुत बुरी बात है

# अब आप खुद ही अपने घर से अंन्दाजा लगाएं के आप के घर मे सिर्फ महीना 5 हजार ही आते हों तो केसे गूजारा होगा ?

☝🏿इतनी तंन्खवाह पर सिर्फ अलीम ही सबर करते हैं ।
अगर किसी दूसरों का इतनी तनख्वाह होती तो अब तक ना जाने कितने आंदोलन हो गऐ होते ।

मगर ये उल्मा ए कीराम हैं जो अल्लाह पर भरोसा किये हूए हैं
आखिर क्या करेंगे बिचारे
अगर जरा सा बोल दिया की मेरी तनख्वाह बढाओ ।मेरी तंन्खवाह कम है तो फौरन ये बात सुनने को मिलती है ।
👉🏿मोलवी लालची...
👉🏿मोलवी पैसों के भुखे....
👉🏿मोलवी दीन को पैसों पे बैचते हैं....
अल्लाहू अकबर

और अगर कोई मौलाना मजबूरन इमामत छोड कर अपनी हलाल की कमाई या तीजारत करे तो भी नहीं छोडते ।
यार मौलाना दूनियादार हो गए हैं
काम कर रहे हैं।
मस्जीद छोड कर दूकान चला रहे हैं

आखीर क्या करे बिचारे मौलाना
क्या उलमा ए कीराम सारी ज़िन्दगी तुम्हारी गूलामी करते रहेंगे
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नहीं....
हरगीज नही....

☝🏿अब इन्कलाब आने वाला है।

खुदा के वास्ते उलमा ए कीराम की शान को पहचानो वरना जो मस्जीदें वीरान होंगी उन का जवाब देना पडेगा ।

कहीं ऐसा वक्त ना आ जाए के हमारी नमाजे जनाजा भी कोई पडाने के लिये तैयार ना हो।

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दील के नक्श हैं इनहें रखना कर ।
कागज़ पे रख दीया है कलेजा..
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By www.Hashmatinetwork.blogspot.com