async='async' crossorigin='anonymous' src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-6267723828905762'/> MASLAK E ALAHAZRAT ZINDABAAD

Wednesday, August 17, 2016

वहाबी देवबंदी को गुस्ताख क्यों कहते हैं

*"वहाबी और अहले हदीस जमात को गुस्ताखे रसूल क्यों कहा जाता है..?*

_हिंदुस्तान में सबसे पहले अल्लाह और नबी की शान में शरीयतें मुताहरा में तहरीर गुस्ताखी करने वाले लोग और उनके फिरके।_
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*(1) अल्लाह की मक्कारी, धोखे से डरना चाहिये, अल्लाह बन्दों से भी मक्कारी करता है।*
_(तकवेतुल ईमान पेज नंबर 76, मौलवी इस्माईल देहलवी,अहले हदीस)_
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*(2) नमाज में नबी का ख्याल लाना अपने गधे (donkey) बैल के ख्याल में डूब जाना से ज्यादा बदत्तर है।*
_(सिरात ऐ मुस्तकीम पेज नंबर 118 मौलवी इस्माईल देहलवी, अहले हदीस)_
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*(3) हुजूर के बाद भी कोई नबी आ जाये तो भी हुजूर के आखरी नबी होने पर फर्क नहीं पड़ेगा।*
_(तहजिरुन नास पेज नंबर 14 मौलवी कासिम ननोतवी, देवबंदी)_
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*(4) उम्मती अमल (नमाज, रोजा, हज, नफिल, इबादतों में नबी से बढ़ जाते है।*
_( तहजिरुन नास पेज नंबर 5 मौलवी कासिम ननोतवी, देवबंदी)_
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*(5) सहाबा को काफिर कहने वाला, मुसलमान से ख़ारिज नहीं होगा।*
_(फतावा ऐ रशीदिया जिल्द नंबर 2 पेज नंबर 11 रशीद अहमद गंगोही, देवबंद)_
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*(6) नबी से ज्यादा इल्म शैतान को है, जो ज्यादा इल्म नबी का बताये वो मुशरिक है।*
_(बराहिनुल कतिआ पेज नंबर 55 मौलवी खलील अहमद अमबेठी देवबंदी)_
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*(7) अल्लाह तआला झूठ बोलता है (मुमकिन)*
_(बराहिनुल कतिआ पेज नंबर 273 मौलवी खलील अहमद अमबेठी, देवबंदी)_
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*(8) नबी का मिलाद करना, कृष्ण का जन्म दिन मनाने की तरह है।*
_(बराहिनुल कतिआ पेज नंबर 152 मौलवी खलील अहमद, देवबंदी)_
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*(9) हुजूर ने उर्दू जुबान मदरसा ऐ देवबंद में ओलेमा ऐ देवबंद से सीखी।*
_(बराहिनुल कतिआ पेज नंबर 30 मौलवी खलील अहमद अमबेठी, देवबंदी)_
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*(10) हुजूर को दीवार के पीछे का भी इल्म नहीं।*
_(बराहितुल कतिआ पेज नंबर 55 मौलवी खलील अहमद अमबेठी, देवबंदी)_
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*(11) नबी का जो इल्म ऐ ग़ैब है इसमें हुजूर का क्या कमाल, ऐसा तो इल्म ऐ ग़ैब हर किसी को, हर बच्चे, पागलों और जानवरों को भी है।*
_(हिफजुल ईमान पेज नंबर 8 मौलवी अशरफ अली थानवी, देवबंदी)_
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*(12) हाथ में कोई नापाक चीज (खून, पेशाब, पखाना, मनी) लग जाये तो किसी ने जुबान से तीन मर्तबा चाट लिया तो पाक हो जायेगा।*
_(बहेस्ती जेवर जिल्द 2 पेज नंबर 18 मौलवी अशरफ अली थानवी, देवबंदी)_
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*(13) ख्वाजा गरीब नवाज या कोई वली के मजार पर जाना इतना बड़ा है जैसे किसी लड़की से जिना करने से भी बड़ा गुनाह है।*
_(तजदीद ओ ऐहया ए दीन पेज नंबर 96 मौलवी अबू आला मौदूदी, जमात ऐ इस्लामी S-I-O, S-I-M)_
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*(14) सब जगह अल्लाह के रसूल अल्लाह की किताब लेकर आये है, और बहुत मुमकिन है कि (बुद्ध, कृष्ण, राम, मानी(Maani), सुकरात, Fisa goras(फिसा गोरास)) इन्हीं रसूलों में से है।*
_(तफहिमात जिल्द 1 पेज नंबर 124 मौलवी अबू आला मौदूदी, जमात ऐ इस्लामी S-I-M, S-I-O )_
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*(15) झूठ, जुल्म, और तमाम बुराईयाँ जैसे (चोरी, जहालत, जिना, गीबत) करना अल्लाह के लिये कोई ऐब नहीं।*
_(जहदुल-मकल जिल्द 3 पेज नंबर 77 मौलवी अबू आला मौदूदी, जमात ऐ इस्लामी, S-I-M, S-I-O )_
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*"दिल पर हाथ रख कर और सोच कर सही बताओ, क्या ये सच में मुसलमान है..?*
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_"मुसलमानों वहाबियों से अपना ईमान बचाओ"""""_
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👉🏻नोट-->" माजअल्लाह, माजअल्लाह
" रब्बे करीम से हिदायत मांगो....
*"बेशक वो दुआ को कबूल करने वाला रहमान है।*
" अभी वक्त है और तौबा का दरवाजा खुला है फिर हशर में ना कहना हमें खबर नहीं थी।
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