एक आशिक़े रसूल ﷺ से किसी ने पूछा कि:
"तुम इश्क़ में बड़ी आहें भरते हो हुज़ूर علیہ الصلاۃ والسلام का नाम सुनकर तुम्हारे चेहरे पर रौनक़ आ जाती है,प्यारे आक़ा ﷺ का ज़िक्र सुनकर तुम्हारा चेहरा खिल उठता है....ज़रा ये तो बताओ कि जिनसे तुम मुहब्बत करते हो वो हैं कैसे
कहने लगा:
"मेरे महबूब के बारे में पूछते हो....
*صاحبُ التاج والبراق والعلم*
कहने लगा:
"करते क्या हैं?"
*دافع البلاء والوباء والقحط والمرض والالم*
"आपके महबूब का नाम कहां है?"
*اسمہ مکتوب مرفوع مشفوع منقوش فی اللوح والقلم*
"वो कहां के सरदार हैं?"
*سید العرب والعجم*
"उनका जिस्म कैसा है?"
कहने लगा:
*جسمہ مقدس معطر منور فی البیت والحرم*
"जिस्म ऐसा प्यारा तो चेहरा कैसा है?"
कहने लगा:
*شمس الضحیٰ بدر الدجیٰ صدر العلیٰ نور الھدیٰ کھف الوریٰ مصباح الظلم*
"आदतें कैसी हैं?"
*جمیل الشیم*
"वो करते क्या हैं?"
*شفیع الامم*
"उनके पास है क्या वो देते क्या हैं?"
*صاحب الجود و الکرم*
इतनी शान वाले.............इतनी अज़मत वाले
"उनकी हिफाज़त कौन करता है?"
*واللہ عاصمہ*
"उनके खादिम कौन हैं?"
*جبریل خادمہ*
"उनकी सवारी कौन सी है?"
*البراق مرکبہ*
"वो सफर कहां का करते हैं?"
आशिक़ कहने लगा:
*المعراج سفرہ*
"कहां तक का सफर करते हैं?"
*سدرة المنتھیٰ مقامہ وقاب قوسین مطلوبہ والمطلوب مقصودہ والمقصود موجودہ*
"वो कहां के सरदार हैं किन के सरदार हैं?"
*سید المرسلین خاتم النبیین شفیع المذنبین انیس الغریبین رحمة اللعلمین راحة العاشقین مراد المشتاقین شمس العارفین سراج السالکین مصباح المقربین*
"मालदारों और अमीरों से ही मुहब्बत करते हैं या गरीबों का भी ख्याल करते हैं?"
आशिक़ कहता है:
"कैसी बात करते हो मेरा महबूब तो.........
*محب الفقراء والغرباء والمساکین سید الثقلین نبی الحرمین امام القبلتین*
"तुम्हे क्या मिलेगा?"
*وسیلتنا فی الدارین صاحب قاب قوسین*
"ये दुनियां वाले ही मुहब्बत करते हैं या कोई और भी??"
*محبوب رب المشرقین والمغربین
"उनकी औलाद कैसी है?"
*جد الحسن والحسین مولانا ومولی الثقلین*
इतनी अज़मतों वाला तेरा महबूब
उनका नाम तो बता दो उनका नाम क्या है?
*ابی القاسم محمد ابن عبد اللہ نور من نور اللہ*
یاایھاالمشتاقون بنور جمالہ
अय आशिक़ो उनके नूर जमाल में गुम हो जाओ....
*ऐसा नूर कि जिसे देखते ही हस्सान बिन साबित बोल उठे*
*واحسن منک لم ترقط عینی*
*واجمل منک لم تل*