जवाब: फ़िरऔन शहर असफहान का एक गरीब
अत्तार था जब उस पर बहुत क़र्ज़ हो गया तो असफहान से
भागकर शाम पहुँचा लेकिन वहाँ कोई जरिया कमाई का हाथ न लगा
तब वो रोजी की तलाश में मिस्र आया वहाँ
उसने देखा गाँव में तरबूज बहुत सस्ते बिकते है और शहर में
मंहगे दिल में सोचा नफे की तिज़ारत है चुनाँचे उसने गाँव
से बहुत सारे तरबूज ख़रीदे मगर जब वो शहर
की तरफ चला तो रास्ते में चुंगी लेने वालों ने
कई जगह उससे चुंगी ली बाजार आते
आते उसके पास बस एक तरबूज बचा बाकी सब
चुंगी में चले गए वो समझ गया कि इस मुल्क में कोई
शाही इंतज़ाम नहीं जो मर्जी
हाकिम बन कर माल वसूल करले उस वक़्त मिस्र में बवाई नामक
बीमारी यानी
(महामारी) फैली हुई थी लोग
बहुत कसरत से मर रहे थे फ़िरऔन कब्रिस्तान में बैठ गया और
लोगों से कहा मैं शाही अफसर हूँ मुर्दो पर टैक्स लगा
है कि हर मुर्दे के मुझे पाँच दिरहम दो और दफ़न करो इस बहाने
से उसने कुछ दिन में बहुत सारा माल जमा कर लिया इत्तेफाक से एक
दिन कोई बड़ा आदमी दफ़न के लिए
लाया गया फ़िरऔन ने उसके वारिसों से भी रूपये मांगे तो
उन्होंने उसे गिरफ्तार करके बादशाह के पास पहुँचा दिया और सारा
वाक्या बादशाह को सुना दिया बादशाह ने पूछा तुझे किसने उस जगह
मुकर्रर किया.?
फ़िरऔन ने कहा मैंने आप तक पहुँचने का यह बहाना बनाया था
मैं अपको खबर कियें देता हूँ कि आपके मुल्क में बड़ी
बदनज़्मी है मैंने तीन महीने
के अर्से में ज़ुल्म के साथ इतना माल जमा कर लिया है आपको खबर
है दूसरे हुक्काम क्या कुछ करते होंगे यह कह कर उसने
अपना सारा माल बादशाह के आगे डाल दिया और कहा कि अगर आप
इंतजाम मेरे हवाले कर दें तो मै आपका मुल्क दुरुस्त कर दूँ
बादशाह को ये बात पसंद आई और फ़िरऔन को कोई मामूली ओहदा दे दिया फ़िरऔन ने वो तरीका
इख़्तियार किया जिससे बादशाह भी खुश रहे और अवाम भी धीरे धीरे यह तमाम लश्कर का अफसर बना दिया गया और मुल्क का इंतिज़ाम अच्छा हो गया जब बादशाह मिस्र मरा तो अवाम ने फ़िरऔन को तख़्त पर बिठा दिया और इस तरह वो मिस्र का बादशाह बन गया फ़िरऔन ने जब खुदाई का दावा किया तो सबसे पहले उसके वज़ीर हामान ने सज्दा किया ।
(तफ़सीर नईमी 1/410)
फ़िरऔन ने चार सौ साल तक बनी इस्राईल को गुलाम बनाये रक्खा।
(खजाईनुल इरफ़ान 19/6)
फ़िरऔन ने बारह हजार बरिवायत दीगर सत्तर हजार का कत्ल और नब्बे हज़ार हमल गिरवाये |
(खजाइनूल इरफ़ान 1/6)
एक कौल के मुताबिक एक लाख चालीस हज़ार बच्चों का क़त्ल करवाया था |
(नज़हतुल मजालिस 12,19)
फ़िरऔन दसवी मुहर्रम को जुमा के दिन दोपहर के
वक़्त गर्क हुआ था |
(तफ़सीर नइमी 1/421)
3500 बरस गुजर चुके हैं ' फ़िरऔन '
की लाश को लेकिन आज भी वो लाश
ना सड़ी है ना बोसीदा है पड़ी हुई है
इजिप्त के एक म्युजिअम में आज भी उस लाश को देखें तो ऐसा लगता है कि कोई आदमी अभी सोया
हुआ है..!
फिरऔन ऐसा जालिम शख्स था जिसने ऐलान कर दिया था कि मैं ही सबसे बड़ा रब हूँ उस वक़्त हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम नबी थे..|
इस बात पर अल्लाह तआला ने फरमा दिया कि मैं फिरऔन की रूह निकाल लूंगा लेकिन उसके जिस्म को क़यामत तकके लोगों के लिए इब्रत का निशान बना दूंगा..|
आज फिरऔन की लाश पर न आग असर
करती है न मिट्टी और न ही पानी..|
रोजाना हर दिन फिरऔन की लाश पर गोश्त बढ़ता जाता है.. हर साल 14 मार्च को उसकी लाश पर
जंगली चूहे छोड़े जाते हैं जो उसका सारा गोश्त नोच कर खा जाते हैं..!
Friday, June 3, 2016
सवाल: फ़िरऔन कौन था और मिस्र का बादशाह कैसे बना...?
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