जानें.. विश्व को आतंक में झोकने वाले कट्टरपंथी वहाबी कौन है ???
सऊदी अरब में नज्द नामक शहर इनका प्रमुख केन्द्र है । नज्द के बनु तमीम जनजाति के अब्दुल वहाब नज्दी ने ही वहाबी पंथ की बुनियादी डाली थी । भारत में सर्वप्रथम 1927 में हरियाणा के मेवात क्षेत्र में लोग वहाबी विचारधारा से जुड़े थे । इसके बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में इसका मुख्यालय स्थापित किया गया, जिसके कारण भारत में वहाबी विचारधारा के लोग देवबंदी कहलाए । भारत में देवबंदियों या वहाबियों की जमात को तब्लीगी जमात के नाम से भी जाना जाता है । वहाबी कट्टरता और जिहाद में विश्वास करते हैं, इसलिए इनके मदरसों में भी इसी प्रकार की शिक्षा दी जाती है । वहाबियों की एक जमात जिहाद बिन नफ्स [अंतरात्मा से जिहाद] और दूसरी जमात जिहाद बिन सैफ [तलवार के बल पर जिहाद] में यकीन रखती है ।
हज़रत अब्दुल्ला इब्ने-उमर की हदीस के अनुसार नज्द के संबंध में इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर हज़रत मुहम्मद [सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम] ने कहा था कि शैतान के सींग यहीं से उगेंगे । एक हदीस में यह भी कहा गया है कि वहाबी शैतान की सलाह मानेंगे । कुरान शरीफ में बताया गया है कि इब्लीस [शैतान] ने अल्लाह के आदेश को मानने से इंकार करते हुए हज़रत आदम को सज्दा नहीं किया था । उल्लेखनीय है कि वहाबी भी नबियों [पैगम्बरों] और सूफियों को नहीं मानते । उनके मुताबिक दरगाहों पर जाना, चादर और प्रसाद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है । जबकि भारत में दरगाहों की बड़ी मान्यता है । मुसलमान ही नहीं अन्य मत-पंथों के लोग भी अपनी मन्नतें लेकर दरगाहों पर बड़ी संख्या में जाते हैं । यह कहना भी गलत न-होगा कि आतंकवाद के लिए वहाबी विचारधारा ही जिम्मेदार है । जैश-ए-मोहम्मद, लश्करे- तोएबा, हरकत-उल-अंसार [मुजाहिद्दीन], अल बद्र, अल जिहाद, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया [सिमी] और महिला आतंकवादी संगठन दुख्तराने-मिल्लत जैसे दुनिया के सौ से ज्यादा आतंकवादी संगठनों के सरगना वहाबी समुदाय के ही हैं ।
इसके अलावा पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पाकिस्तानी की गुप्तचर संस्था आईएसआई के प्रमुख, बंगलादेश की पूर्व राष्ट्रपति खालिदा जिया, कंधार अपहरण कांड का मुख्य आरोपी अजहर मसूद और सलाहुद्दीन, चर्चित मुंबई बम कांड का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम सहित भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनेक अध्यक्ष और अन्य जिम्मेदार पदों पर आसीन लोग वहाबी विचारधारा को मानने वाले हैं । देवबंद विश्वविद्यालय के कुलपति मौलाना अबुल हसन अल नदवी भी कट्टरवादी विचारधारा के समर्थक थे । उनका मानना था कि मजहब के आदेश तब तक लागू नहीं होंगे जब तक इस्लामी आधार और व्यवस्था का नियंत्रण स्थापित नहीं हो जाता । इसके लिए वे वहाबी विचारधारा के प्रचार-प्रसार को जरूरी मानते थे ।
ये वहाबी भोले भाले लोगो को बहकाते है और उनको आतंकवादी बना देते हैं।
और ज़िहाद के नाम पर गलत तालीम देते है भोले भाले लोगो को और उनकी ज़िन्दगी बर्बाद कर देते हैं।
हालाकि ज़िहाद के बहुत सारे शर्त है जैसे ज़िहाद में बच्चों को नहीं मार सकते, औरतों को नहीं सकते, बुढ़ों को नहीं मार सकते, बीमार को नहीं मार सकते, पेड़ पौधों को नुकशान नहीं पंहुचा सकते, किसी के घर में आग नहीं लगा सकते, वगैरह,।
लेकिन ये वहाबी तो ज़िहाद के नाम पर मुस्लमान को ही मार रहे हैं। मस्जिदों को शहीद कर रहे हैं, बच्चों को मार रहे हैं, मज़ार शरीफ़ को शहीद कर रहे हैं, औरतों को मार रहे हैं, बेगुनाह लोगो को मार रहे हैं,।
ये वहाबी भोले भाले लोगो को ये कहते हैं के ये बम लेकर जाओ उस मस्जिद में जा कर ब्लास्ट कर दो और खुद भी मर जाओ तो जन्नत मिलेगा ।
मआज़अल्लाह
और इस्लाम का क़ानून तो ये है जिसने किसी एक बेगुनाह का क़त्ल किया गोया उसने सारे इंसानियत का क़त्ल किया।
तो पता चला वहाबी यानी आतंकवादी मुसलमान हरगिज़ नहीं है।
ये लोग इस्लाम को बदनाम कर रहे है बस।
हर मुसलमान को चाहिये के वो वहाबी आतंकवादी से कोई रिश्ता न रखे, किसी तरह का मेल जोल न रखे, वहाबी से दोस्ती न रखे, किसी भी तरह का मेल जोल ना रखे वाहबी आतंकवादी से।
वरना पुलिस सिर्फ चोर को नहीं बल्कि चोर के से मेल जोल रखने वालों को भी पकड़ के ले जाते हैं।
और इस्लामिक जानकारी के लिए विजिट करिये मेरा साईट नाम मसलक इ आला हज़रत ज़िंदा बाद
साईट,,, http://serajrazvi.blogspot.com/?m=0
Aur gumarah karo logo ko isake alawa tu logo ko aata hi kya hai apani dukane chalane ke liye itane had tak niche gir jate ho ki islam ko hi bhul jate ho aur jo yad dilata hai unhe aatank wadi kahate ho aap jinhe wahabi kah rahe ho aaj puri duniya me yahi log quran aur sunnat ko sahi se amal kar rahe hai baki to sab apane apane mullo ki hi rah par chal rahe hai
ReplyDeleteAisa kis wahabi ne kaha ki bam leke jao aur masjid ko blast kar do mardudo bolane se pahale sharm to na sahi allah ka khauf to rakho bhole bhale muslmano ko to aap logo ne gumrah kiya hua hai pata nahi kaise kaise logo ko peer bana dia hai aur un ki majaro pe jakar shirk karate ho aur apane aap ko muslman kahate ho meri to allah se yahi dua hai ki aap logo ko allah hidayat de aur zut bolane se baz rakhe
ReplyDeleteJo log ye post dekh rahe hai janle ki in logo ki to aadat hi zoot bolkar muslamano ko gumrah karane ki lekin aap sacchai ki tahkikat karenge to pata chalega ki islam ke asali dushman na hindu hai na isai balki yahi log hai isi wajah se indea me islam puri taraha nahi fail paya lekin inshaallah ek deen inki pol jaroor allah taala khol denge
ReplyDeleteWahabi Haraami Atankwadi mera youbut channel dekh uspe meraj haraami ka video mouzud hai.
DeleteWahabi islam ke sabse bade dushman hai..
Wahabi Haraami Atankwadi mera youbut channel dekh uspe meraj haraami ka video mouzud hai.
ReplyDeleteWahabi islam ke sabse bade dushman hai..