एक आरिफ ने एक मगरूर शख़्स को घोड़े पर
सवार
देख कर ताजुब से पूछा, “भाई इतना क्यों
अकड़ते हो.?
उसने कहा मै !बादशाह का ख़ास आदमी हूँI
वो सोता है,तो पहरा देता हूँ..
उसे भूख लगती है,तो खाना मै खिलाता हूँ...
प्यास लगती है तो,पानी पिलाता हूँ...
और मुझे प्यार से दिन में तीन बार देखता है...
आरिफ ने पूछा;और अगर तुमसे किसी बात पर
खता हो जाये,
तो क्या होता है___??
वो बोला..कोड़े लगते है और मारा जाता हूँ...
आरिफ ने फ़रमाया...अगर ये बात है तो मुझे
तुमसे ज्यादा नाज़ ए फक्र होना चाहिए
क्योंकि मै जिस
बादशाह का ग़ुलाम हूँ,वो मुझे खुद खिलाता-
पिलाता है.!
सो जाऊ तो मेरी हिफाज़त करता है और
तन्हाई में
हमदम बन जाता है..!मुझसे कोई गफलत या
खता हो जाये तो माफ़ भी कर देता है और हर
रोज़ दिन में 360
मर्तबा नज़र ए रहमतसे मुझे देखता है ..!!
वो बादशाह का गुलाम इस बात से
मुतास्सिर हुआ और
घोड़े से उतर पड़ा ...!
कहा कि मुझे भी उस बादशाह का गुलाम बना
दीजिये..!
सबक -जो ईनाम व इकराम अल्लाह ने अपने
बन्दे
पर किया है...!
वैसा ईनाम व इकराम कोई बड़े से बड़े
बादशाह भी
नहीं कर सकता..!
Friday, November 13, 2015
एक मगरूर शख़्स
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